विनोद राय का जीवन परिचय | Vinod Ray Biography
यूपीएससी हर वर्ष आईएएस और आईपीएस अधिकारियो का चयन करती है इनमें से कुछ ही अधिकारी होते हैं जो अपने सर्वश्रेष्ठ काम के लिए प्रसिद्धि हासिल करते हैं। क्योंकि वर्तमान समय में भ्रष्टाचार एक ऐसी दुविधा बन चुकी है जिसके मायाजाल में बड़े से बड़ा अधिकारी भी फस जाता है या फिर किसी दबाव के चलते वह अपने पद पर रहते हुए ईमानदारी का कार्य नहीं करते हैं।
आज के इस लेख में हम आपको एक ऐसे शख्स कि जीवन परिचय से रूबरू करवाने वाले हैं जिसने किसी भी राजनीतिक दबाव को अपने पद के आड़े नहीं आने दिया उन्होंने देश के नेताओं और मंत्रियों द्वारा किए गए घोटालों को जनता के सामने उजागर करने में अपनी बहुत बड़ी भूमिका अदा की है।
आज हम जिस शख्स के बारे में आप सबको बताने वाले हैं उस शख्स का नाम है विनोद राय। आज के इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर यह विनोद राय कौन है? इनके द्वारा कौन-कौन से महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं, इसलिए इस लेख को शुरू से लेकर अंत तक पूरा पढ़े तभी आप इनके बारे में अच्छे से जानकारी जान सकेंगे।
विनोद राय के जन्म और परिवार की सम्पूर्ण जानकारी
विनोद राय का जन्म 23 मई 1948 को उत्तर प्रदेश में हुआ था इनके माता -पिता के नाम कि अभी तक कोई स्टिक जानकारी नहीं है लेकिन हां इनके पिताजी आर्मी से रिटायर्ड है।
उनके पिताजी आर्मी में जीडी से सेवानिवृत है।
विनोद राय की शिक्षा
इनके पिताजी आर्मी में होने की वजह से एक समृद्ध फैमिली से बिलॉन्ग करते हैं इसके चलते इनकी स्कूली शिक्षा राजस्थान के झुंझुनू जिले के पिलानी मे बिरला पब्लिक स्कूल से स्कूली शिक्षा पूरी की। इन्होंने हॉस्टल में रहकर अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की जब इनकी स्कूली शिक्षा पूरी हो गई तो उन्होंने स्नातक के लिए दिल्ली मे एडमिशन ले लिया तथा ग्रेजुएशन कम्पलीट होने के बाद इन्होने दिल्ली से ही मास्टर की डिग्री हासिल की।
विनोद राय द्वारा संभाले गए पद
विनोद राय ने सन 1972 में यूपीएससी का एग्जाम पास कर के एक आईएएस अधिकारी की पोस्ट हासिल की यानी इन्होंने सन 1972 में प्रशासनिक सेवा देना प्रारंभ कर दिया था।
यह 1972 में केरल केडर के अधिकारी हैं तथा इन्हें त्रिशूर जिले मे उप कलेक्टर की पोस्ट मिली इन्होंने अपनी प्रारंभिक जर्नी यहीं से शुरू की।
जब इन्हें यहां उप कलेक्टर का कार्यभार संभाला गया तब इन्होने इस जिले के लिए बहुत से महत्वपूर्ण कार्य किये और इस जिले को समृद जिलों की सूची मे शामिल किया जिसके चलते वहां की जनता ने इनका नाम सत्तन थम्परन की उपाधि प्रदान की।
यह एमडी के पद पर भी कार्यरत रह चुके हैं इन्होंने केरल के स्टेट सहकारी संघ मे बतौर एमडी के पद पर कार्यभार संभाला है। अपने कार्यकाल के दौरान अच्छे कार्य करने की वजह से इन्हें केरल सरकार ने प्रधान सचिव का पद संभालने के योग्य समझ कर प्रधान सचिव का कार्यभार संभाल दिया।
विनोद राय ने भारत के गवर्नमेंट में प्राइवेट बैंकों में भी अपनी सेवा दी है उन्होंने यूपीएससी एग्जाम से पहले बैंक में भी कार्य किया था।
2017 में इनके कार्य को देखते हुए इन्हें बीसीसीआई में अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया इसके साथ ही विनोद राय ने रेलवे मे भी अपनी सेवाएं प्रदान की हुई है यह रेलवे कलप परिषद में सदस्य भी रह चुके हैं।
विनोद राय को बतौर CAG के पद पर कार्यरत किया गया, इन्हें भारत के ग्यारवे नियंत्रक और महालेखा परीक्षक नियुक्त किया गया इनको यह पद 2008 में सौंपा गया था और उन्होंने पूरे 5 साल इस पर कार्य किया यानी इन्होंने अपना कार्यकाल सन 2013 तक संभाला जब इन्हें महालेखा परीक्षक नियुक्त किया गया था उस समय भारत में कांग्रेस की सरकार थी 2013 में कांग्रेस की सरकार चुनाव हार चुकी थी और 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने अपना वर्चस्व कायम कर लिया। लेकिन उन्होंने इस पद पर रहते हुए बहुत सारे घोटालों को जनता के सामने उजागर किया है जिनके बारे में हम आगे जानेंगे।
विनोद राय द्वारा किये गए घोटालो का उजागर
विनोद राय ने अपने पद का कार्यभार बड़ी ईमानदारी और सजग पूर्वक निभाया है इसके चलते इन्होंने बहुत सारे घोटालों का पर्दाफाश भी किया है, चाहे बह घोटाले किसी राजनेता द्वारा किए गए या किसी बड़े अधिकारी द्वारा इन्होंने किसी को भी नहीं बख्शा जो भी व्यक्ति दोषी था उन सभी को न्याय के कटघरे में खड़ा कर दिया।
जब इन्हें 2008 में 11वीं महालेखा परीक्षक का पदभार संभाला गया तब उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन में हुए घोटाले, कोयला ब्लॉक आवंटन और 2जी स्पेक्ट्रम के घोटाले को भी जनता के सामने उजागर किया जिसके चलते जनता ने इनकी खूब तारीफ की और इनके काम की खूब सराहना की।
वैसे विनोद राय किसी भी विवाद से रहता नहीं रखते हैं लेकिन एक विवादित मुद्दा उनके सामने खड़ा होकर आता है जब उन्होंने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले को उजागर किया तो उसमें पाए गए दोषियों को इन्होंने बिना कोर्ट के आदेश पर रिहा कर दिया जिसके चलते कांग्रेस सरकार ने इनके ऊपर सवाल उठा दिए यह मुद्दा कोर्ट में चला गया कांग्रेस के नेताओं की मांग थी कि विनोद राय को कांग्रेस की छवि बिगाड़ने के मामले में उनसे माफी मांगने होंगे तथा विनोद राय ने भी उनकी बात का मान रखा और कांग्रेस सरकार से माफी मांगी।
विनोद राय को मिले सम्मान और पुरुस्कार
विनोद राय ने अपने कार्यकाल में बहुत महत्वपूर्ण कार्यों को पूर्ण किया है जिसके चलते वह जनता के चहेते बन चुके थे इसलिए इन्हें कई तरह के के सम्मान और अवार्ड से भी नवाजा गया है इनमें से एक अवार्ड सन 2011 में फोर्ब्स पत्रिका द्वारा दुनिया भर से चुने गए पर्सन ऑफ द ईयर में विनोद राय का नाम भी शामिल था।
इन्होंने सीएनजी का कार्यभार कांग्रेस की सरकार के दौरान संभाला था जिसमें गाने बहुत सारे घोटालों का पर्दाफाश किया था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार आई तब इन्हें 2016 में पदम विभूषण से सम्मानित किया गया।
विनोद राय की शादी किससे हुई इनकी पत्नी का क्या नाम है
उनकी प्रथम पत्नी के बारे में तो कोई विवरण नहीं है इन्होंने दूसरी शादी भी की थी क्योंकि सन 1990 में किसी कारणवश इनकी प्रथम पत्नी की मृत्यु हो गई थी इसके चलते इनके परिवार वालों ने उनकी दूसरी शादी गीता राय के साथ तय कर दी वर्तमान समय में विनोद राय के कुल 3 बच्चे हैं।