राजकमल यादव बायोग्राफी, जन्म, शिक्षा, करियर
यूपीएससी प्रत्येक वर्ष आईपीएस और आईएएस अधिकारियों का चयन करती है यूपीएससी का पेपर कठिन होने के साथ-साथ इसकी इंटरव्यू राउंड से भी गुजरना पड़ता है इंटरव्यू राउंड्स में कभी-कभी कुछ ऐसे प्रश्न पूछ ले जाते हैं जो आपकी सोच से परे होते हैं लेकिन हमारे देश भारत में कुछ ऐसे आईएएस अधिकारी है जिन से कुछ अलग प्रकार के प्रश्न पूछे गए लेकिन उन्होंने अपनी सद्बुद्धि के आधार पर उनका आंसर देकर आईएएस अधिकारी की पोस्ट प्राप्त की।
आज हम आपको एक ऐसे आईएएस अधिकारी की बायोग्राफी से रूबरू करवाने वाले है जिन्हें यूपीएससी के इंटरव्यू में समोसे के ऊपर प्रश्न पूछा गया था बायोग्राफी काफी अमेजिंग होने वाली है इसलिए इस बायोग्राफी को शुरू से लेकर अंत तक पूरा पढ़े।
राजकमल यादव का जन्म कब और कहा हुआ
राजकमल यादव का जन्म 28 दिसम्बर 1986 को यूपी के फिरोजाबाद में हुआ था इनके पिता जी का नाम कमल किशोर यादव है जो ग्रामीण बैंक में बाबू के पद पर कार्यरत थे इनकी माताजी का नाम सरला यादव है जो की सोशल वर्कर है । इनके दो भाई भी है लेकिन राजकमल दोनों भाइयो से बड़े है।
राजकमल यादव की शिक्षा
राजकमल यादव की प्रारंभिक शिक्षा इनके मूल स्थान पर हुई थी इन्होंने कक्षा 6 की पढ़ाई गांव में रहकर की इसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए सैनिक स्कूल में जाने की सोची इन्होंने सैनिक स्कूल के एग्जाम की तैयारी की और इनका सैनिक स्कूल में चयन हो गया इन्हे लखनऊ के सैनिक स्कूल में एडमिशन मिल गया।
अभी सेवंथ क्लास में हो चुके थे अब इन्हे अपना घर छोड़कर सैनिक स्कूल में जाना पड़ा सैनिक स्कूल में रहने की वजह से इनमें डिफेंस के प्रति काफी रुचि रहने लगी और उन्होंने अपना एक लक्ष्य निर्धारण किया कि इन्हे आर्मी में जाकर अपने देश की सेवा करनी है।
इन्होंने चेन्नई से वेटरनरी साइंस में ग्रेजुएशन पूरा किया ग्रेजुएशन कंप्लीट होने के बाद उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी करना शुरू कर दिया।
इन्होने 2001 मे अपना 10th पूरा किया सैनिक स्कूल से और 12th भी सैनिक स्कूल से पूरा किया। तथा सम्पूर्ण ग्रेजुएशन की पढ़ाई 2011 मे पूरी की।
राजकमल यादव का करियर
राजकमल यादव हमें अपनी ग्रेजुएशन पूरी होने के पश्चात आईएएस की तैयारी करना शुरू कर दिया उनका सपना आर्मी में जाने का था लेकिन किसी कारणवश आर्मी में नहीं जा सके लेकिन उन्होंने अपने ग्रेजुएशन के बाद सिविल सर्विस को ज्वाइन करने की ठानी तथा अपने कठिन प्रयास और संघर्ष के बल पर 2013 में 21वी रैंक हासिल की और आईएएस अधिकारी बन गए।
इन्होंने यूपीएससी के एग्जाम के लिए 10 से 15 घंटा तक पढ़ाई की है जब इनका इंटरव्यू था इनसे कुछ रोमांचक प्रश्न पूछे गए थे जिनका जवाब देकर उन्होंने सामने बैठे अधिकारियों को भी हंसने को मजबूर कर दिया था।
इंटरव्यू में पूछा गया था कि आप सैनिक स्कूल में पढ़े हुए हैं तो आपने आर्मी को क्यों नहीं ज्वाइन किया इस प्रश्न पर उन्होंने बड़ी नम्रता से जवाब दिया उन्होंने कहा कि यदि मुझसे आर्मी और यूपीएसी में से यदि आप मुझे कुछ चुनने के लिए कहेंगे तो मैं आर्मी को सबसे पहले चुनुँगा।
एक सवाल और पूछा गया सामने बैठे एक अधिकारी समोसा खा रहे थे तो उन्होंने इसी पर इनसे एक प्रश्न पूछा की समोसा खाने से पेट की कौन-कौन सी बीमारी होती है इस पर उन्होंने मजाकिया अंदाज में जवाब दिया उन्होंने कहा कि समोसा तो आप खा रहे हैं इसलिए जो भी बीमारी होगी वह आपको ही होगी यह बात सुनकर अधिकारी ने उनसे कहा कि क्या आपकी समोसा खाएंगे इसपर राजकमल यादव ने जवाब दिया कि सर समोसा खाने से बीमारी होती है इसलिए मैं बीमारी को नहीं खा सकता उनकी आवाज सुनकर जितने भी अधिकारी उनका इंटरव्यू दे रहे थे सभी ठहाके मार कर हंसने लगे।
इस तरह के प्रश्नों का सही जवाब देने के पश्चात राजकमल यादव मीडिया में भी छा चुके थे उनकी एक तरीके से पॉपुलैरिटी बन चुकी थी।
राजकमल यादव की शादी
राजकमल यादव का विवाह ज्योत्स्ना यादव के साथ हुआ है ज्योत्स्ना यादव भी एक पिसीएस अधिकारी है। दोनों का विवाह arange मैरिज से हुआ है क्योंकि इनके पिताजी आपस मे घनिष्ठ मित्र थे और इसके चलते ये एक दूसरे के समधी बन गए।
राजकमल यादव के जीवन के कुछ इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स
राजकमल यादव बचपन से ही जब वह सेवंथ क्लास में सैनिक स्कूल में पढ़ाई के लिए चल गए थे तो उनकी इच्छा आर्मी जॉइन करने की थी क्योंकि सैनिक स्कूल में चलने वाले प्रोग्रामों में वह बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते थे जिसके चलते में आर्मी के प्रति काफी दिलचस्पी हो चुकी थी। लेकिन कुछ कारणों के चलते यह आर्मी जॉइन नहीं कर पाये अपना ग्रेजुएशन कंप्लीट होने के पश्चात उन्होंने सिविल सर्विस की तरफ अपना मुंह मोड़ दिया।
राजकमल यादव बताते हैं कि सिविल सर्विस एग्जाम देने उनके माता-पिता का काफी अहम रोल रहा है क्योंकि इनके माता-पिता की सदैव सी इच्छा थी कि उनका बच्चा सिविल सर्विस ज्वाइन करें राजकुमार यादव के दो छोटे भाई भी हैं लेकिन उन्होंने बीटेक करके कंपनी ज्वाइन कर ली।
राजकमल यादव बहुत से पदों पर कार्यरत रह चुके हैं और इन्होंने जहां पर भी कार्य किया है वहां पर अपनी एक मिसाल पेश की है जब इन्हे आयुष विभाग में निर्देशक के तौर पर कार्यभार संभाला गया उस समय पूरे भारतवर्ष में कोरोनावायरस जैसी बड़ी महामारी चल रही थी तथा इनके निर्देशानुसार आयुष कवच कोविड ऐप तैयार की गई। तथा जिस जिले में ने कार्यभार संभाल लगाया था इसमें कोविड-19 की सिचुएशन को कैसे नियंत्रित किया जाए इसके लिए उन्होंने बैठको का आयोजन किया।
राजकमल यादव मे बचपन से ही देश सेवा की भावना रही है इसका उदाहरण हमें तब देखने को मिलता है जब राजकमल यादव ग्रेजुएशन पूरी कर चुके थे तो उन्होंने पूरी यूनिवर्सिटी में टॉप किया था जिसके चलते यूनिवर्सिटी ने इनको विदेश में भेजा था वहां पर इनकी मुलाकात बहुत से विशेषज्ञों के साथ हुई और इन्हें वहां पर बहुत कुछ नया सीखने को मिला, उनके काम को देखते हुए अमेरिका की रिसर्च कंपनी ने इनको अधिक पैसों की जॉब ऑफर प्रोवाइड करने का प्रस्ताव रखा लेकिन सैनिक स्कूल में पढ़ने की वजह से उनमें आर्मी के प्रति काफी जुनून था और वह अपने देश के प्रति सेवा करना चाहते थे इस वजह से उन्होंने रिसर्च कंपनी के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और अपने देश वापस लौट आए।