Last Updated on May 22, 2024 by
आईएएस गुंजन द्वेदी सक्सेस स्टोरी पहले दो प्रयासों मे असफल होने के बाद तीसरे प्रयास मे हासिल की 9वी रैंक
भारत में यूपीएससी के एग्जाम को सभी एग्जाम वो की तुलना में सबसे कठिन माना जाता है क्योंकि इस एग्जाम का लेवल बाकी सभी एग्जाम मौके लेवल से काफी हाई होता है। इसलिए जो भी अभ्यर्थी इस में भाग लेता है उसे कम से कम 1 से 2 साल की कड़ी मेहनत करनी पड़ती है लेकिन 1 से 2 साल की कड़ी मेहनत के बावजूद भी अभ्यर्थी इसमें सफल नहीं हो पाते हैं। लेकिन जो अभ्यर्थी अपना प्रयास लगातार जारी रखता है वह अंत में सफलता जरूर हासिल करता है।
आज हम आपको एक ऐसे आईएएस अधिकारी के जीवन परिचय से रूबरू करवाने वाले हैं जिन्होंने अपने प्रथम 2 प्रयास में प्री परीक्षा भी पास नहीं कर पाई लेकिन उन्होंने संघर्ष जारी रखा अपनी पढ़ाई को और ज्यादा इंप्रूव किया और अंत में तीसरे प्रयास में उन्होंने यूपीएससी के एग्जाम में 9 वीं रैंक हासिल की।
गुंजन द्विवेदी का पारिवारिक परिचय
गुंजन जी के पिताजी का नाम के बारे मे कोई जानकारी नहीं है लेकिन इनके पिता जी सिविल सर्विस से रिटायर्ड है इनके पिताजी आईपीएस अधिकारी थे। इनकी माता जी का नाम ज्ञात है इनकी माता जी का नाम आभा द्विवेदी है। इनकी बहन का नाम उमंग द्विवेदी है जो इनकम टैक्स ऑफिसर है। इनके बड़े भाई का नाम समन्वय धर द्विवेदी है जो कि एडवोकेट है।
घर में पिताजी और बहन के इतनी बड़ी पोस्ट में होते हुए पिताजी और बहन के द्वारा इनको मोटिवेट किया गया इन्हें बचपन से ही एक ऑफिसर बनाने की चाहत जाहिर की। इनकी बहन इनको बहुत अधिक मोटिवेट कर दी थी यूपीएससी के लिए और गुंजन ने भी इनका मान रखा और अपने पिताजी और बहन को पीछे छोड़कर एक आईएएस अधिकारी बन गई।
गुंजन द्विवेदी की शिक्षा का विवरण
गुंजन द्विवेदी अपने पूरे परिवार के साथ लखनऊ में ही रहती है और उन्होंने सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी लखनऊ से ही पास की है इन्होंने टेंथ में 96.60% हासिल किये और 12th मे 88% हासिल किए थे।
इसके बाद इन्होंने ग्रेजुएशन के लिए दिल्ली के दौलत राम कॉलेज में एडमिशन ले लिया और उन्होंने 2014 में अपना ग्रेजुएशन पूरा कर लिया। ग्रेजुएशन के बाद इन्होंने यूपीएससी के एग्जाम की तैयारी करना शुरू कर दिया। इन्होंने यूपीएससी के एग्जाम को पास करने के लिए अपने रूम को बुक से सजा दिया। जब गुंजन ने ग्रेजुएशन पूरा किया तो इनकी अभी सिविल सर्विस के लिए उम्र नहीं हुई थी इसलिए इन्होंने इसका बहुत अच्छे से फायदा उठाया और 2 साल लगातार यूपीएससी के एग्जाम की तैयारी की।
UPSC मे सफलता पाने के पीछे गुंजन द्विवेदी का संघर्ष की कहानी
जब गुंजन द्विवेदी जी अपना ग्रेजुएशन पूरा कर चुकी थी तो उनकी उम्र अभी यूपीएससी के एग्जाम के लिए नहीं हुई थी तो उन्होंने लगातार दो वर्ष तक यू पी एस सी के एग्जाम की तैयारी की तथा उन्होंने अपना प्रथम एग्जाम 2016 में दिया लेकिन यह यूपीएससी के प्री एग्जाम को भी पास नहीं कर पाई।
इसके बाद इन्होंने दोबारा से प्रयास किया और 2017 में दोबारा से यूपीएससी का एग्जाम दिया लेकिन इस बार भी इन्हे असफलता ही हाथ लगी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने पिताजी और बहन के द्वारा इन्हें और मोटिवेट किया गया तथा इन्होंने फिर से 2018 में यूपीएससी का एग्जाम दिया इस बार इन्होंने प्री एग्जाम को भी पास कर दिया और साथ ही मेंस को भी पास कर दिया इंटरव्यू में भी बेस्ट परफॉर्मेंस दिखाया इन्होंने 2018 में यूपीएससी के एग्जाम में 9th रैंक हासिल की।
गुंजन द्विवेदी जी ने यूपीएससी का एग्जाम पास किया लेकिन उसके पीछे उन्हें बहुत सी कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ा है गुंजन अपने एक इंटरव्यू में बताती हैं कि उन्होंने यूपीएससी के एग्जाम को पास करने के लिए पता नहीं कितने कितने घंटे की पढ़ाई की है। इनका मानना है कि अगर आप यूपीएससी का एग्जाम पास करना चाहते हैं तो आपको अधिक से अधिक मॉक टेस्ट सॉल्व करने पड़ेंगे क्योंकि ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट सॉल्व करने से आपके समझने की क्षमता विकसित होती है। और उनका यह भी मानना है कि यूपीएससी के एग्जाम को पास करने के लिए 20 घंटे की पढ़ाई करना आवश्यक नहीं है यदि आप एकाग्रता के साथ 5-6 घंटे भी पढ़ लेते हैं तो आप यू पी एस सी के एग्जाम को आसानी से पास कर देंगे।
गुंजन द्विवेदी जी ने दोबारा दोबारा असफलताओं का सामना किया लेकिन फिर भी उन्होंने अपने कदम पीछे नहीं हटाए और अपना प्रयास लगातार जारी रखा और अंत में उन्होंने अपने कठिन प्रयास के बल पर सफलता हासिल कर ही ली।
गुंजन द्विवेदी जी का मानना है कि यदि आप यूपीएससी में अच्छा स्कोर करना चाहते हैं तो आपको एनसीईआरटी की बुक को पढ़ना अनिवार्य है क्योंकि एनसीआरटी के बुक में सभी टॉपिक्स को बेसिक लेवल से समझाया गया है यूपीएससी के एग्जाम में बेसिक लेवल होना बहुत आवश्यक है।
गुंजन का जब इंटरव्यू लिया गया तो उन्होंने अपने इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने यूपीएससी के एग्जाम के लिए 4 साल मेहनत की लेकिन 4 साल बाद जब वह प्री एग्जाम को पास नहीं कर पाई तो उन्हें खुद पर बहुत अधिक पश्चाताप हुआ उन्होंने मन में ठान लिया था कि यदि हमें कुछ करना है तो यूपीएससी में ही कुछ करना है और वह इसके अलावा कोई एग्जाम नहीं देना चाहती थी। अक्सर लोगों का एक बहाना होता है कि वह घर पर तैयारी नहीं कर सकते हैं लेकिन गुंजन द्विवेदी जी ने घर पर रहकर यूपीएससी के एग्जाम की तैयारी की उन्होंने किसी भी कोचिंग इंस्टिट्यूट का सहारा नहीं लिया वह स्वयं के नोट्स बनाती थी और उन्हीं नोट्स का रिवीजन करती थी।
Conclusion
गुंजन द्विवेदी जी के कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि जीवन में बहुत सी कठिनाई आएंगे लेकिन हम उन कठिनाइयों का डटकर सामना करना पड़ेगा यदि हम जिंदगी के सफर में एक बार असफल हो जाते हैं तो कभी भी खुद को मायूस होकर पीछे ना हटने दे दोबारा से कठिन प्रयास के साथ अपने लक्ष्य को हासिल करने में जुट जाओ।