Last Updated on May 22, 2024 by
अरुणा सुंदरराजन का जीवन परिचय | Aruna Sundararajan Biography In Hindi
यूपीएससी प्रत्येक वर्ष देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षित लोगों का चयन करती है, यूपीएससी एग्जाम को भारत का सबसे कठिन एग्जाम माना जाता है क्योंकि यूपीएससी के एग्जाम में बिना पढ़े आप कभी भी पास नहीं हो सकते हैं इसके लिए आपको कठिन परिश्रम की आवश्यकता होती है क्योंकि यूपीएससी का सिलेबस बहुत बड़ा होता है जिसको बिना अध्ययन किए आप एग्जाम को पास नहीं कर पाते।
आज हम आपको देश के सिविल अधिकारियों की सूची में सीनियर अधिकारी आईपीएस अरुणा सुंदर्राजन का जीवन परिचय आपके साथ साझा करने वाले हैं। हम आपको बताएंगे कि अरुणा सुंदर राजे ने किस तरह यूपीएससी के एग्जाम में सफलता हासिल की साथ ही उनके जीवन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पलों के बारे में भी हम आपको अवगत कराएंगे।
अरुणा सुंदरराजन का जन्म दिवस | Aruna Sundararajan Date Of Birth
अरुणा सुंदर्राजन का जन्म भारत के एक बहुत ही शिक्षित राज्य केरल में हुआ था। यह सन 1982 की केरल कैडर की महिला आईएएस है। यह एक मध्यमवर्गीय परिवार से नाता रखती हैं। हालांकि इनके माता-पिता का नाम हमें पता नहीं चल पाया है। लेकिन इनकी पिताजी गवर्नमेंट सर्विस में है और इनकी माताजी हाउसवाइफ है।
अरुणा सुंदरराजन की शिक्षा | Aruna Sundararajan Education
अरुणा सुंदर्राजन अपनी हाई स्कूल की पढ़ाई जन्म स्थान पर रहते हुए पूरी की। तथा उन्होंने अपना ग्रेजुएशन आर्ट सब्जेक्ट में किया है। इसके पश्चात इन्होंने M.A की पढ़ाई फिलोसोफी में की। लेकिन बचपन से ही इनका सपना एक आईएएस अधिकारी बनना रहा है जिसके चलते हैं इन्होंने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ यूपीएससी के एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी।
अरुणा सुंदरराजन का करियर | Aruna Sundararajan Career
अरुणा सुंदरराजन ने अपनी ग्रेजुएशन के साथ साथ यूपीएससी एग्जाम की तैयारी करना शुरू कर दिया। अपने कठिन प्रयास और धैर्य के बल पर सन 1982 में आईएएस अधिकारी के रूप में सेलेक्ट हुई।
इन्हें केरल केडर की ओर से आईएएस अधिकारी चुन लिया गया। अरुणा सुंदर्राजन को भारतीय प्रशासनिक सेवा मे सीनियर सिविल सर्वेंट माना जाता है। क्योंकि इनके पास 30 साल से अधिक का भारतीय प्रशासनिक सेवा में अधिकारी के रूप में अनुभव है।
सन 1998 में अरुणा सुंदर्राजन को केरला के आईटी डिपार्टमेंट में नियुक्त कर दिया गया। इन्होंने केरल में अक्षय प्रोजेक्ट की शुरुआत की। इन्होंने अक्षय प्रोजेक्ट की शुरुआत केरल के मलप्पुरम से की थी लेकिन धीरे-धीरे यह प्रोजेक्ट पूरे प्रदेश में फैलता चला गया।
अक्षय प्रोजेक्ट भारत का सबसे बड़ा इ -लिटरेसी प्रोजेक्ट है यह देश का सबसे बड़ा पहला इ -लिटरेसी प्रोजेक्ट था। अक्षय प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य था कि बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा दी जानी चाहिए साथ ही इनका उद्देश्य था कि महिलाओं और पुरुषों को कंप्यूटर का ज्ञान देना बहुत आवश्यक है। इनका यह प्रोजेक्ट काफी हद तक सफल रहा इनके इस प्रोजेक्ट से लगभग 600000 से अधिक बच्चों ने कंप्यूटर की शिक्षा प्राप्त की साथ ही प्रदेश के 1000000 से अधिक लोगों ने डिजिटल स्किल को सीखा।
बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए छोड़ा घर
अरुणा सुंदरराजन ने जनता के हित में बहुत से कार्य किए हैं। अरुणा सुंदरराजन का शुरू से ही यह मकसद रहा है कि बच्चों को अधिक से अधिक शिक्षा प्राप्त की जाए जिससे देश का विकास हो सके। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए इन्हें बहुत लंबे समय तक अपने घर से दूर रहना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार बच्चों के साथ रही डिजिटल skill के माध्यम से उन्हें प्रेरित किया।
बच्चों के प्रति इस तरीके की भावना को दर्शाता है कि वह काफी कोमल ह्रदय की व्यक्तित्व वाली महिला हैं। साथ ही उन्होंने महिलाओं की शिक्षा को लेकर भी बहुत से प्रोजेक्ट की शुरुआत की है इनका बस एक उद्देश्य था कि किसी भी तरीके से महिलाओं को रोजगार प्राप्त करने के लिए काबिल बनाना है।
अरुणा सुंदरराजन के पुरुस्कार | Aruna Sundararajan Award
सन 2009 मे इंडिया टुडे पत्रिका मे अरुणा सुंदर्राजन को टॉप प्रोफेशनल वूमेन घोषित किया गया। स्थाई में यही अवार्ड सन 2012 में फोर्ब्स मैगजीन द्वारा दिया गया था।
सन 2017 में इन्हें ट्रांसफॉर्मेटिव लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
अरुणा सुंदरराजन की शादी | Aruna Sundararajan Marriage
अरुणा सुंदर्राजन की शादी आईपीएस अधिकारी इलयाज रियूज के साथ हुई थी तथा यह इंफोपार्क कोची के एक प्रोजेक्ट में एमडी भी रह चुके हैं। वर्तमान समय में यह भारतीय प्रशासनिक सेवा से रिटायर्ड हो चुके हैं।
Conclusion
जब अरुणा सुंदर्राजन अक्षय प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी उस समय देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी थे जो भारत को डिजिटल इंडिया बनना देखना चाहते थे। उन्होंने अक्षय प्रोजेक्ट के लिए खूब प्रयास किया, उनका एक उदेश्य था कि भारत में ज्यादा से ज्यादा लोगों को डिजिटल के माध्यम से स्किल सिखाना था।
इनका मानना था कि ज्यादा से ज्यादा लोग शिक्षित होंगे तो उन्हें रोजगार पाने में कोई दिक्कत नहीं होगी इस मिशन के तहत महिलाओं को भी कंप्यूटर का ज्ञान दिया जा रहा था जिससे महिलाये स्वयं से रोजगार प्राप्त करने के योग्य हो पाए।
अरुणा सुंदर्राजन का व्यक्तित्व बहुत ही कोमल व्यक्तित्व रहा है उनका सबसे ज्यादा लगाव बच्चों के प्रति है उन्होंने बच्चों की शिक्षा के लिए बहुत से प्रोजेक्ट की शुरुआत की। अरुणा सुंदर्राजन भारत सरकार के एक टेलिस्कोप कंपनी की चेयरमैन भी रह चुकी हैं।