Last Updated on May 22, 2024 by
अशोक खेमका का जीवन परिचय, शिक्षा, परिवार, पत्नी, करियर, किताब, पुरुस्कार | Ashok Khemka Biography, Education, Family, Wife, Career, Book, Award
नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको ऐसे आईपीएस अधिकारी कि जीवन परिचय से रूबरू करवाने वाले हैं जिन्होंने 27 साल की सिविल सेवा में 53 बार से अधिक ट्रांसफर हो चुका है। साथ ही यह भी जानेंगे कि किन कारणों के चलते इतने ट्रांसफर किए गए।
यह जीवन परिचय काफी इंटरेस्टिंग होने वाला है इसलिए इसको शुरू से लेकर अंत तक पूरा पढ़ें साथ ही आपको आईएएस अशोक खेमका के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल पाएगी।
अशोक खेमका का जन्म कब और कहा
अशोक खेमका का जन्म 30 अप्रैल 1965 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुआ था इनका पूरा नाम डॉ अशोक खेमका है यह जाति से मारवाड़ी हैं और यह एक मध्यवर्गीय परिवार से बिलॉन्ग करते हैं इनके पिताजी क्लर्क के तौर पर कार्य करते थे इनकी माताजी हाउस वाइफ थी। वर्तमान समय में यह अपने होम टाउन कोलकाता में ही अपने पूरे परिवार के साथ रह रहे हैं।
अशोक खेमका की शिक्षा
अशोक खेमका ने 10th और 12th की पढ़ाई अपने होम टाउन कोलकाता में रहकर ही पूरी की इसके बाद इन्होंने बीटेक में एडमिशन ले लिया उन्होंने अपने बीटेक की पढ़ाई इंडियन इंस्टीट्यूट टेक्नोलॉजी खड़कपुर से की। इन्होंने 1988 मे कंप्यूटर साइंस से बीटेक कंप्लीट की और खड़कपुर की इस कॉलेज में इन्होंने टॉप भी किया।
ग्रेजुएशन कंप्लीट होने के बाद इन्होंने पीएचडी कंप्यूटर साइंस से की इसके साथ ही उन्होंने एम. बी. ए और एम.ए कर रखा है।
अशोक खेमका की शादी और पत्नी
अशोक खेमका का विवाह ज्योति खेमका के साथ हुआ है। इनके दो लड़के हैं जिनमें एक का नाम गणेश है और दूसरे का नाम श्रीनाथ है।
अशोक खेमका का करियर
अशोक खेमका बचपन से ही सिविल सर्विस में आना चाहते थे क्योंकि जब वह पढ़ाई कर रहे थे तो न्यूज़ में जगह भ्रष्टाचार के बारे में सुनते थे तब उन्होंने यह मन बना लिया कि वह एक आईएएस अधिकारी बनेंगे और भ्रष्टाचार को कम करने में अपना पूरा योगदान देंगे।
बीटेक के साथ-साथ उन्होंने यूपीएससी के एग्जाम की तैयारी शुरू कर सन 1991 के बेच के आईएएस अधिकारी बन गए। जैसा कि इन्होंने शुरू से ही मन बना लिया था कि देश में भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करना है जिसके चलते इन्हें बहुत बार अपना तबादला करवाना पड़ा क्योंकि यह जहां जहां भी गए उन्होंने पूरी इमानदारी से अपना कार्य किया।
इन्होंने जिस भी राज्य में अपनी सेवाएं दी वहां पर राजनेताओं द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार पर उन्होंने खुलकर विरोध किया जब उनकी पोस्ट हरियाणा में की गई है तब उन्हें महा निरीक्षक का पद सौंपा गया तभी नहीं बहुत महा पंचायतों में जमीन से संबंधित करोड़ों रुपए का घोटाला देखने को मिला उन्होंने इसके खिलाफ कोर्ट केस दाखिल कर दिया जिसकी वजह से यह काफी सुर्खियों में रहे।
अशोक खेमका के तबादले का कार्यकाल बंसीलाल के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान शुरू हुआ था उस समय 4 साल के अंदर कम से कम 7 से 8 बार इनका ट्रांसफर कर दिया गया था। जब हरियाणा में भूपेंद्र हुड्डा सिंह की कांग्रेस सरकार आई तब अशोक खेमका ने चल रहे भ्रष्टाचार के कुछ मामलों में खुलकर विरोध किया लेकिन इस वजह से बाकी कुछ तो हुआ नहीं लेकिन उनका तबादला जरूर हो गया।
अतः 26 वर्षों के कार्यकाल में 52 बार से अधिक इनका तबादला कर दिया गया तथा जब से बीजेपी सरकार आई है उसके दौरान भी कम से कम चार से पांच बार इनका तबादला हो चुका है।
जब भी हरियाणा में भूमि महानिदेशक के पद पर थे तब रियल स्टेट कंपनी और रॉबर्ट वाड्रा जो कि सोनिया गांधी के दामाद हैं इनके बीच के घोटाले को इन्होंने जनता के सामने उजागर किया था इसके चलते इन्हे जान से मारने की धमकी भी मिल चुकी है।
अशोक खेमका ने अपने कार्यकाल के दौरान कोई भी पोस्ट ऐसी नहीं संभाली जो 1 महीने से ज्यादा की हो लेकिन एक कार्यकाल मे ही इन्होने 15 महीनों से अधिक कार्य किया, अधिकतर पोस्ट भूमि अधिकृत मामलों के संबंध में ही होती थी। एक विवाद के चलते अशोक खेमका की भारत सरकार द्वारा दी हुई गाड़ी में से वापस ले ली गई थी तब अशोक खेमका पैदल जा कर ही अपनी ड्यूटी निभाते थे।
2021 तक अशोक खेमका की सर्विस 29 वर्ष की हो चुकी है तथा 53 बार से अधिक इनका तबादला हो चुका वर्तमान समय में हरियाणा के साइंस और टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट में कार्य कर रहे हैं।
अशोक खेमका को मिले पुरुस्कार
जैसा कि अशोक खेमका ने भ्रष्टाचार के खिलाफ खुलकर विरोध किया है और बहुत से भ्रष्टाचार के घोटालों को जनता के सामने उजागर किया है इसके चलते इन्हें बहुत सारे पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है उनमें से एक पुरस्कार 2011 में यह जिंदल पुरुस्कार मिला जिंदल पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जो अपने निडर साहस के साथ कार्य करते हैं इसके तहत जिस व्यक्ति को यह पुरस्कार दिया जाता है उसे ₹1000000 से अधिक की राशि प्रदान की जाती है।
अशोक खेमका की पुस्तक
जो भी ईमानदार और निष्कपट लोग होते हैं उनके साहस को सदैव से सहारा जाता है इसके चलते अशोक खेमका द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों के लिए एक पुस्तक भी लिखी गई है जिसका नाम ‘ जस्ट ट्रांस्फेर्रेड द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ अशोक खेमा ‘ है। इस पुस्तक निर्माण का पूरा श्रेय नमता और भवदीप को दिया जाता है जिन्होंने एक आईएएस अधिकारी के काम को सराहा है।
Conclusion
आईएएस अधिकारी अशोक खेमका के जीवन परिचय के बारे में जानने के बाद हमें यह सीख जरूर मिलते हैं कि जीवन में बहुत सारी रूकावट आती है लेकिन हमें उनका डटकर सामना करना चाहिए।
हमारे देश में पता नहीं अशोक खेमका जी से कितने आईएएस अधिकारी हैं जो अपने कार्य को ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ करते हैं लेकिन राजनीतिक पार्टी अपने फायदे के लिए इन लोगों को दबा कर रखती है। राजनीतिक पार्टियों का ऐसा करना हमारे देश के लिए एक विडंबना है क्योंकि यदि कोई अधिकारी अपना कार्य पूरी ईमानदारी से नहीं करेगा तो देश में भ्रष्टाचार फैलेगा और देश प्रगति की राह से नीचे गिर जाएगा।