Last Updated on May 22, 2024 by
लेडी सिंघम आईपीएस लिपि सिंह का जीवन परिचय
भारत में सिविल सर्विस को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है क्योंकि यह मान सम्मान और प्रतिष्ठा की नौकरी होती है यूपीएससी प्रत्येक वर्ष आईपीएस और आईएएस अधिकारियों का चयन करती है जिसके लिए लाखों की तादाद में लोग भाग लेते हैं लेकिन उनमें से कुछ लोग ही अपनी मेहनत और धैर्य के बलबूते सफलता हासिल कर पाते हैं।
आजकल भ्रष्टाचार भारत की एक सबसे बड़ी समस्या है यह उच्च पद पर कार्यरत अधिकारियों को भी कार्य करने से बाधित करता है क्योंकि राजनीतिक पार्टी या कोई भी अधिकारी हो उसको अपने नीचे ही रखना चाहती हैं और अपने इशारे पर नचाना चाहती हैं लेकिन कुछ आईपीएस अधिकारी राजनीतिक दबाव में कभी नहीं आते हैं वह अपनी ड्यूटी को पूरे कर्तव्य के साथ निभाते हैं आज हम उसी तरीके के एक आईपीएस अधिकारी की बात करने वाले हैं आज हम आपको एक लेडी सिंघम से रूबरू करवाने वाले हैं जिनका नाम “लिपि सिंह” है उन्हें दबंग आईपीएस कहा आ जाता है।
लिपि सिंह का जन्म और परिवार का विवरण
लिपि सिंह का जन्म बिहार में हुआ था इनके पिता का नाम रामचंद्र प्रसाद है इनके पिता जी आईएएस अधिकारी थे इनके पिताजी 1984 के उत्तर प्रदेश केडेट से आईपीएस अधिकारी थे जो वर्तमान समय में रिटायर्ड हो चुके हैं। इनकी माताजी ग्रहणी है उसके साथ ही वह एक एनजीओ में कार्यरत हैं।
लिपि सिंह का करियर
लिपि सिंह 2016 के बैच की आईपीएस अधिकारी है लिपि सिंह ने 2015 में यूपीएससी का एग्जाम दिया था और उसमें सफलता हासिल की थी इन्होंने ऑल इंडिया 114 वी रैंक हासिल की थी। ट्रेनिंग में अच्छे परफॉर्मेंस के चलते इन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बिहार केडर अलॉट कर दिया। जिसके चलते इनकी पहली पोस्टिंग नालंदा जिले में महिला आईपीएस अधिकारी के तौर पर की गई।
लिपि सिंह के पद पर रहते हुए किये गए महत्वपूर्ण कार्य
1. लिपि सिंह को बाढ़ अनुमंडल एडिशनल सुप्रिडेंट ऑफ़ पुलिस की पोस्ट पर तैनात किया गया यह पोस्ट ने सबसे पहले मिली थी तो इनके लिए यह नई पोस्ट थी लेकिन इनको पहले से ही पता था कि चाहे अपन किसी भी पोस्ट पर कार्यरत है अपने को कुछ नया करके दिखाना है। लिपि सिंह ने इस दौरान मोकामा जिले के निर्दलीय विधायक अनंत सिंह को गिरफ्तार किया तथा उनके घर से एके-47 और अन्य ऑटोमेटिक हथियार बरामद किए गए। जब लिपि सिंह के पास अनंत सिंह के खिलाफ घर में हथियार रखने की खबर आई थी तब उन्होंने बिना किसी दबाव के सीधा उनके घर पर नोटिस डाल दिया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
इनका यह प्रयास बहुत रंग लाया और लोगों ने इनकी खूब तारीफ की जिसके चलते इन्हें मुंगेर की एसपी बना दिया गया लेकिन अनंत सिंह ने लेडी सिंघम पर आरोप लगाया था कि इन्होंने आरसी सिंह के कहने पर गिरफ्तार किया है लेकिन उनकी सुनने वाला उस वक्त कोई नहीं था और उन्हें जेल जाना ही पड़ा इस कारनामे की वजह से यह काफी सुर्खियों में आई और इन्हें लेडी सिंघम नाम दे दिया गया।
2. जब लिपि सिंह मुंगेर की एसपी थी तब उन्होंने बहुत अधिक संघर्ष किया था जिसके दौरान एक युवक को मूर्ति विसर्जन के समय गोली लग गई थी यह बात चारों तरफ फैल गई और लोगों में पुलिस प्रशासन के प्रति गुस्सा फूट पड़ा और लोग उनसे कार्रवाई करने की मांग करने लगे लेकिन पुलिस ने यह कह कर टाल दिया कि युवक को गोली भीड़ में ही लगी थी और किसी और किसी अराजक तत्व के व्यक्ति ने उन्हें गोली मारी है।
इस घटना के बाद लोग सोशल मीडिया पर बवाल खड़ा कर दिया चारों तरफ पुलिस प्रशासन की बुराई होने लगी और लोगों ने लिपि सिंह को जनरल डायर की संज्ञा दी लोगों का गुस्सा अधिक होने के चलते इन्हें मुंगेर जिले के एसपी के पद से हटा दिया तथा इन्हें बिहार के सहरसा जिले में एसपी के पद पर तैनात किया गया।
हुआ ऐसा था कि दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन किया जा रहा था जिसके दौरान खूब बवाल हुआ मूर्ति विसर्जन में गोलियां चल गई जिसके चलते 5 लोग घायल हो गए एक शख्स की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि लोगों का मानना है कि वहां पर खड़ी पुलिस ने ही गोली चलाई थी लेकिन पुलिस ने साफ इंकार कर दिया है पुलिस ने कहा है कि यह गोली कुछ अराजक तत्वों द्वारा चलाई गई है जो माहौल को खराब करना चाहते थे लेकिन लोगों ने उनकी बिल्कुल ही नहीं सुनी और पुलिस प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग पर अड़े रहे।
लिपि सिंह की शादी
लिपि सिंह के पति का नाम सुहर्ष भगत है जो कि पेशे से एक आईएएस अधिकारी है वर्तमान समय में वे बिहार के बांका जिले में कार्यरत हैं। यह 2015 के बैच के आईएएस अधिकारी हैं। लिपि सिंह और सुहर्ष भगत एक साथ पटना जिले में कार्य कर चुके हैं।
दोनों के आईएएस और आईपीएस बनने से पहले इनका चयन इंडियन ऑडिट अकाउंट सर्विस में हुआ था और दोनों की मुलाकात ट्रेनिंग के दौरान ही हुई थी। इन्होंने इंडियन ऑडिट अकाउंट सर्विस को ज्वाइन तो कर लिया था लेकिन इनका सपना आईएएस और आईपीएस बनने का था उसके बाद यह दोबारा से यूपीएससी के एग्जाम की तैयारी में जुट गए।
ट्रेनिंग के चलते इन दोनों को तैयारी करने के लिए छुट्टी नहीं दी गई थी लेकिन दोनों ने जॉब को छोड़ कर के यूपीएससी की तैयारी करना शुरू कर दिया। जिसका परिणाम यह हुआ कि 2015 में सुहर्ष भगत का चयन आईएएस अधिकारी के तौर पर हो गया था इनका ऑल इंडिया 5 वी रैंक आई थी तथा 2016 में लिपि सिंह का आईपीएस अधिकारी के तौर पर चयन हो गया।
Conclusion
लिपि सिंह की कहानी जानने के बाद यह पूरी तरीके से स्पष्ट हो चुका है कि वह एक दबंग अधिकारी हैं जो बिना किसी राजनीतिक दबाव के अपना कार्य पूर्ण करती है चाहे वह अनंत सिंह को जेल भेजना हो या फिर मूर्ति विसर्जन के दौरान होने वाली घटना से निपटना हो। उनके इन सभी कार्यों को देख कर यह पता चलता है कि वह अपने कार्य को बिना किसी दबाव के निष्पक्ष करती हैं।