Last Updated on May 22, 2024 by
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भारतीय संस्कृति में नारी को अबला समझा जाता है लेकिन भारत में कुछ ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने यह साबित कर दिया कि नारी अबला नहीं बल्कि पुरुषो के टक्कर की है। आज हम आपको ऐसी ही तेज तरार महिला आईपीएस की बायोग्राफी आपके साथ साझा करने वाले हैं। जिसमें आपको जन्म से लेकर उनके द्वारा किए गए संपूर्ण कार्य और पुरस्कारों का विवरण जानने को मिलेगा।
किरण बेदी जीवन परिचय |kiran Bedi Biography
आईपीएस किरण बेदी का जन्म 9 जून 1949 को अमृतसर में हुआ था इनका असली नाम किरण पेशवारिया है इनके पिता का नाम प्रकाश पेशवारिया है इनके पिताजी कपड़ा व्यापारी हैं इनकी माता जी का नाम प्रेम पेशवारिया है, इनकी माताजी एक हाउसवाइफ है। इनकी तीन बहने हैं उनके नाम रीता, शशि, अनु है रीता और अनु दोनों टेनिस की खिलाड़ी है।
किरण बेदी की शिक्षा |kiran Bedi Education
सन 1963 मे इन्होने अपनी सेकेंडरी स्कूल पास की तथा 1965 मे सीनियर सेकेंडरी मे 1st ग्रेड से सफलता हासिल की फिर इन्होने वीमेन गवर्मेंट कॉलेज मे एडमिशन ले लिया तथा 1968 मे अपना स्नातक की पढ़ाई पूरी कर ली। इन्होंने राजनीतिक विज्ञान से M.A किया।
अब इन्होने लॉ की पढ़ाई मे इंटरेस्ट दिखाया उन्होंने दिल्ली के विश्विधालय मे एडमिशन ले लिया और 1998 मे लॉ की डिग्री हासिल की जब इनका स्नातक कंप्लीट हो गया था तो इन्होंने अमृतसर के एक कॉलेज में लेक्चरर के तौर पर भी कार्य किया हुआ है।
किरण बेदी का करियर | Career Of Kiran Bedi
जब 1970 में किरण बेदी ने राजनीतिक विज्ञान से m.a. किया था उसके बाद उन्होंने जिस कॉलेज में m.a. किया था उसी में ही एक व्याख्याता के तौर पर पढ़ाना शुरू किया तथा उन्होंने 2 साल तक लगातार इसी में अपनी सेवाएं दी इसके साथ-साथ इन्होंने यूपीएससी के एग्जाम की तैयारी भी शुरू रखी तथा सन 1972 में इन्होंने यूपीएससी एग्जाम को पास कर दिया तथा इन्हें आईपीएस अधिकारी की पोस्ट मिली।
भारत मे इनसे पहले कोई भी महिला आईपीएस अधिकारी नहीं थी तो यह भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी बन गई। अपनी सेवाओं के दौरान इन्हे कई पोस्ट पर काम करने का मौका मिला कभी प्रमुख का, कभी डीआजी, कभी महानिर्देशक के तोर पर लेकिन इन्होने अपने बाल बुते सभी कार्यों मे ख्याति हासिल की और लोगो के लिए आदर्श बन गई।
किरण बेदी तिहाड़ जेल की महानिदेशक भी रह चुकी हैं इन्होंने तिहाड़ जेल में कैदियों के लिए बहुत से कार्यों का शुभारंभ किया है जिसकी वजह से वहां के कैदियों की जीवन में काफी परिवर्तन आए हैं उनके द्वारा किए गए कार्यों को बहुत से लोगों ने सराहा। किरण बेदी भारत के पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट की महानिदेशक भी रह चुकी है।
किरण बेदी ने अपने कार्यकाल के दौरान बहुत सारे कार्य जो जनता के हित में हो किए हैं तथा उन्होंने 25 दिसंबर 2007 को प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त हो गई तथा भारत सरकार ने भी उन्हें इस काम के लिए सराहा।
किरण बेदी को मिले पुरुस्कार
- प्रशासनिक सेवाओं के दौरान अच्छे कार्य के लिए इन्हें रमन मैग्सेस पुरस्कार भी दिया गया यह पुरस्कार उन्हें 1994 में प्रदान किया गया था।
- जब यह तिहाड़ जेल में महा निर्देशक के रूप में तैनात थी तब इन्होंने जेल की सुधार के लिए बहुत से कार्य किए तथा जेल में तैनात कैदियों के जीवन में भी बहुत से परिवर्तन दिखाई दिए इस वजह से इन्हें डॉक्टर ऑफ़ लॉ की उपाधि के साथ सम्मानित किया गया।
- राष्ट्रपति द्वारा इन्हें वीरता पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है, क्योंकि इन्होने आंध्रप्रदेश मे कार्य के दौरान कई मुजरिमो को पकड़कर सजा दिलाई थी।
- किरण बेदी को अंतरास्ट्रीय महिला पुरुस्कार से भी नवाजा गया है।
- 2010 मे इन्हे भारत सरकार द्वारा तरुण पुरुस्कार प्रदान किया गया।
किरण बेदी की शादी और बच्चे
किरण बेदी की शादी 1972 में बृज बेदी के साथ हुई थी इनकी शादी परिवार की सहमति से हुई थी इनकी एक बच्ची है जिसका नाम साइना बेदी है।
किरण बेदी का राजनैतिक सफर
किरण बेदी भाजपा कि राजनीतिक पार्टी में शामिल है किरण बेदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को बहुत अधिक पसंद करते हैं और वह उन्हीं से मोटिवेट होकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई थी।
2015 में किरण बेदी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई थी भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें दिल्ली से उम्मीदवार के तौर पर खड़ा किया उनकी उम्मीदवारी एक मुख्यमंत्री के तौर पर थी लेकिन 2015 में भारतीय जनता पार्टी को अधिक बहुमत नहीं मिलने की वजह से आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ मिलकर अपनी सरकार वर्चस्व कायम कर दिया।
किरण बेदी उस समय हारी जरूर थी लेकिन उन्होंने लोगों के मन में एक अपनत्व की भावना भर दी थी।
किरण बेदी के बारे मे कुछ रोचक तथ्य
किरण बेदी ने बतौर आईपीएस बहुत अच्छे कार्य किए हैं प्रशासनिक सेवा में रहते हुए भी उन्होंने जनता के हित में बहुत सारे महान कार्य किये है इसके साथ ही सामाजिक कार्य कर्ता है। एक सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते इन्होंने बहुत से आंदोलन में हिस्सा लिया है।
जब 2001 में अन्ना हजारे जी इंडिया अगेंस्ट करप्शन का संचालन कर रहे थे उस समय यह दिल्ली में एक डीआईजी के बतौर पर कार्यरत थी इन्होंने इस आंदोलन में जमकर हिस्सा लिया और लोगों की मांग को उठाया।
इसके साथ ही किरण बेदी बहुत से एनजीओ का संचालन करती थी उनका लगाओ बच्चों के प्रति बहुत अधिक था वे सदैव से बच्चों से अधिक प्रेम करती आई हैं तथा एनजीओ में बच्चों के लिए वह काफी अधिक जोर देती थी।
इसके साथ ही उन्होंने कैदियों के लिए भी बहुत से सुधार किए हैं जिससे उनके जीवन में सकारात्मकता आई है और उन्हें स्वयं में बदलाव भी दिखे हैं।
Conclusion
किरण बेदी जी का एक विवादित मुद्दा बहुत ही चर्चा में रहा है क्योंकि जब वह दिल्ली में ट्रैफिक पुलिस के प्रमुख में रूप में तैनात थी उस समय देश के प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी का अवैध पार्किंग के चलते एक सब इंस्पेक्टर ने इनका चालान काट दिया था और जांच कमेटी ने सख्त आदेश दे दिया था कि आप सब इंस्पेक्टर का यहां से ट्रांसफर करो लेकिन किरण बेदी ने जांच कमेटी की बिल्कुल भी बात नहीं मानी और उस स्पेक्टर का ट्रांसफर नहीं किया जिसके चलते किरण बेदी की बहुत ही आलोचना हुई।
किरण बेदी जी के जीवन परिचय पर फिल्म भी बन चुकी हैं।